केंद्रीय मंत्री दानवे का उद्धव ठाकरे पर पलटवार, कहा- शिवसेना ने अपना हिंदुत्व पेटेंट कांग्रेस और NCP के हाथों बेच दिया

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही है, भाजपा नहीं. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि शिवसेना ने अपना हिंदुत्व पेटेंट कांग्रेस और राकांपा को बेच दिया है. केंद्रीय मंत्री दानवे ने ये बातें उद्धव ठाकरे के उस बयान पर पलटवार करते हुए कहीं, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा हिंदुत्व पर पेटेंट नहीं रखती है.
रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा, ‘शिवसेना ने अपना हिंदुत्व पेटेंट कांग्रेस और राकांपा को बेच दिया है. भाजपा राम के नाम पर राजनीति नहीं कर रही है, बल्कि शिवसेना कर रही है.’ उद्धव ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए पूछा था कि अगर भगवान राम पैदा नहीं हुए होते तो भाजपा क्या मुद्दा उठाती? कोल्हापुर उत्तर सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) की उम्मीदवार जयश्री जाधव के लिए एक वचुअल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा पर यह टिप्पणी की थी.
शिवसेना ने हिंदुत्व का मुद्दा नहीं, BJP को छोड़ा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आज रामनवमी है. मुझे आश्चर्य है कि अगर भगवान राम का जन्म नहीं हुआ होता तो भाजपा राजनीति में क्या मुद्दा उठाती? क्योंकि उनके पास कोई दूसरा मुद्दा नहीं बचा है. इसलिए वे सांप्रदायिक मुद्दों को राजनीति में सबसे आगे रखते हैं. बीजेपी नेता कहते हैं कि शिवसेना ने हिंदुत्व का मुद्दा छोड़ दिया है. यह सच नहीं है, हमने बीजेपी छोड़ दी है. बीजेपी हिंदुत्व पर पेटेंट नहीं रखती है और केवल बीजेपी का ही मतलब हिंदुत्व नहीं है. बीजेपी ने नकली हिंदू हृदय सम्राट बनाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उनका समर्थन नहीं किया.’
बाला साहेब ठाकरे एकमात्र ‘हिंदू हृदय सम्राट’ हैं
उद्धव ठाकरे ने कहा कि दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे एकमात्र ‘हिंदू हृदय सम्राट’ हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा का भगवा नकली है, सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज का भगवा असली है. उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में अमित शाह ने बाला साहेब ठाकरे के कमरे में कहा था कि राज्य में गठबंधन की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देंगे. फिर चुनाव के बाद बीजेपी क्यों अपने शब्दों और प्रतिबद्धता से पीछे हट गई? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था और कांग्रेस, एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
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