UP MLC Election: एमएलसी चुनाव के लिए थमा प्रचार, भाजपा और सपा में टक्कर, जानें कहां कितने कैंडिडेट

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान परिषद (UP Legislative Council Election 2022) की लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. आज (7 मार्च) 36 विधान परिषद की सीटों पर प्रचार थम गया है. जबकि 9 मार्च को विधान परिषद की 36 सीटों के लिए मतदान होगा. मतदान की प्रक्रिया सुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगी. वहीं, 12 अप्रैल को मतगणना होगी. बता दें कि मतगणना का समय सुबह 8 बजे से रखा गया है. वहीं, यूपी विधान परिषद की नौ सीटों पर भाजपा का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है.
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की जिन 36 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें कई सीटें ऐसी हैं जहां नामांकन के समय तमाम तरह के घटनाक्रम देखने को मिले. कहीं प्रत्याशी का पर्चा फाड़ दिया गया तो कहीं ऐन मौके पर प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस ले लिया. आखिरकार जिन सीटों पर एक प्रत्याशी मैदान में हैं वहां भाजपा के प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है और ऐसी 9 सीटें हैं.
36 सीटों पर इतने प्रत्याशी हैं मैदान में
यूपी विधान परिषद के चुनाव में मुरादाबाद-बिजनौर में 2 प्रत्याशी मैदान में है. इसके अलावा रामपुर-बरेली में 3, बदायूं में 1, पीलीभीत-शाहजहांपुर में 4 , हरदोई और खीरी में एक-एक, सीतापुर में 3, लखनऊ-उन्नाव में 2, रायबरेली में 4, प्रतापगढ़ में 6, सुल्तानपुर में 4, बाराबंकी में 3, बहराइच में 2, आजमगढ़-मऊ में 5, गाजीपुर में 2, जौनपुर में 3, वाराणसी में 3, मिर्जापुर सोनभद्र, प्रयागराज में 5, बांदा-हमीरपुर में 1, झांसी-जालौन-ललितपुर में 4, कानपुर-फतेहपुर में 2, इटावा-फर्रुखाबाद में 3, आगरा फिरोजाबाद में 5, मथुरा-एटा-मैनपुरी में एक- एक, अलीगढ़ में एक, बुलंदशहर में एक, मेरठ-गाजियाबाद में 6, मुजफ्फरनगर सहारनपुर में 5, गोंडा में 3 , फैजाबाद में 3, बस्ती-सिद्धार्थनगर में 3, गोरखपुर-महाराजगंज में 2, देवरिया में 6 और बलिया में 2 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
इन 9 सीटों पर हुआ गेम, भाजपा की जीत तय
यूपी विधान परिषद की 36 में से नौ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है. समाजवादी पार्टी के कई जगहों पर उम्मीदवारों के नाम वापस लेने, उम्मीदवारों से लड़ाई झगड़े, पर्चा न भर पाने और पर्चा वापस लेने के कारण 9 सीटों पर विधान परिषद का चुनाव भाजपा के पक्ष में चला गया. सबसे पहले बात करें बदायूं सीट की तो यहां से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विनोद कुमार शाक्य ने अपना पर्चा वापस ले लिया. बदायूं से भाजपा के वागीश पाठक की जीत तय मानी जा रही है. दूसरी सीट हरदोई की है जहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रजीउद्दीन ने भी अपना पर्चा वापस लेकर वहां भाजपा प्रत्याशी अशोक अग्रवाल की जीत पक्की कर दी. हाल के दिनों में रजीउद्दीन भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के घर पर भी बैठे दिखाई दिए थे.
तीसरी सीट मिर्जापुर-सोनभद्र की है जहां प्रत्याशी घोषित होने के बाद समाजवादी पार्टी के रमेश यादव ने चुनाव लड़ने से ऐन मौके पर मना कर दिया जिसके बाद भाजपा के विनीत सिंह की राह साफ हो गई. चौथी सीट गाजीपुर की है जहां समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भोलानाथ शुक्ला ने अपना पर्चा ऐन मौके पर वापस लेकर भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल की जीत का रास्ता आसान कर दिया. कुछ यही कहानी अलीगढ़ से भी दोहराई गई, जहां समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जसवंत सिंह का पर्चा खारिज हो गया. मथुरा-एटा-मैनपुरी की दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों का पर्चा खारिज हो जाने के कारण वहां पर भारतीय जनता पार्टी की जीत की राह आसान हो गई.
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और मथुरा एटा मैनपुरी के 1 सीट से प्रत्याशी रहे उदयवीर सिंह के साथ हुई घटना सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रही थी. विपक्षी दलों के साथ उनकी मारपीट उनका पर्चा फाड़ा जाना, उनका कपड़ों का फाड़ा जाना खूब चर्चा में रहा. अंततः उनका पर्चा भी वहां से रिजेक्ट हो गया. इसके अलावा लखीमपुर से भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया. जबकि बुलंदशहर-गौतम बुद्ध नगर से समाजवादी पार्टी ने रालोद के साथ मिलकर अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन ऐन मौके पर रालोद प्रत्याशी ने अपना पर्चा वापस ले लिया. इस तरह कुल नौ सीटें ऐसी हैं जहां पर भाजपा की निर्विरोध जीती मानी जा रही है.
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