OPINION: आठवें सत्र में सभा की कुल कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही
नई दिल्ली. सदन की कार्यवाही को लेकर के प्रतिपक्ष के नेता हमेशा यह कहते है कि सदन चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार के सत्रहवीं लोक सभा के आठवें सत्र में कुल कामकाज का लेखा जोखा करे तो इसमें 27 बैठकें हुईं, जो लगभग 177 घंटे 50 मिनट तक चली. वही आठवें सत्र में सभा की कुल कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही. इसके साथ ही सभा ने कुल मिलाकर 40 घंटे देर तक बैठकर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा संवाद किया. 17वीं लोकसभा की कुल उत्पादकता की बात करें तो यह लगभग 106 फ़ीसदी अभी तक रहा.
इस तरह का कामकाज हुआ सत्र के दौरान
संसद के 8 वे सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दिनांक 2, 3,4 और 7 फरवरी, 2022 को चर्चा से हुई. कुल 15 घंटे 13 मिनट की चर्चा के बाद, 07 फरवरी, 2022 को ध्वनि मत से धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ. इसके साथ ही वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्रीय बजट पर सामान्य चर्चा 7, 8, 9 और 10 फरवरी, 2022 को हुई. यह चर्चा कुल 15 घंटे 35 मिनट तक चली. रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नागरिक विमानन मंत्रालय, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, पोर्ट्स, शिपिंग एवं वाटरवेज मंत्रालय के अधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा चली.
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शेष मंत्रालयों की अन्य सभी अनुदानों की मांगों को 24 मार्च, 2022 को एक साथ सभा में मतदान के लिए लिया गया और सभी को एक साथ पारित किया गया एवं तत्संबंधी विनियोग विधेयक भी पारित हुआ. अनुदानों की अनुपूरक मांगों (2021-22 ) एवं अनुदानों की अतिरिक्त मांगों (2018-19) को भी इस सत्र में मतदान के बाद पारित किया गया. इसके साथ साथ जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदान मांगों (2022-23) तथा अनुदानों की अनुपूरक मांगों (2021-22) को भी मतदान के बाद पारित किया गया. सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी कार्यों का निष्पादन किया गया और 12 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा 13 विधेयक पारित किए गए. प्रश्न काल के दौरान 182 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. साथ ही सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 486 लोकहित के विषय सदन के समक्ष प्रस्तुत किए. सत्र के दौरान विभिन्न संसदीय समितियों ने कुल 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए.
लोकसभा अध्यक्ष ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की सुचारु कार्यवाही में योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री, विभिन्न दलों के नेताओं और सदस्यों को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही साथ ओम बिरला ने बदलते परिप्रेक्ष्य में सूचना प्रौद्योगिकी के सन्दर्भ में विधान मंडलों की कार्यवाही को आधुनिक तकनीक से युक्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया. लोकसभा अध्यक्ष ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाहन पर निश्चित रूप से ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ को एक तय समय सीमा के भीतर तैयार करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)
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