जिद और जुनून की कहानी है गीता, 4 महाद्वीपों में फहरा चुकी है परचम, अब एवरेस्ट फतह करने को है तैयार

जयपुर. यह कहानी है एक ऐसी जांबाज बेटी (Brave daughter) की जिसने दुनिया जीतने की ठान रखी है. ये बेटी है राजस्थान के सीकर जिले के छोटे से गांव चक की. इस बेटी का नाम है गीता सामोता (Geeta Samota). ये पैरा मिलिट्री फोर्स CISF में सब इंस्पेक्टर हैं. गीता इस समय में मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) पर पोस्टेड है. गीता की जिद है कि उसे दुनिया के 7 सबसे ऊंचे पहाड़ों की चोटियों को फतेह करना है. गीता दुनिया के चार अलग अलग हिस्सों में जाकर चार चोटियों को फतेह कर चुकी है और अब बारी है दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest)की. गीता की इस जिद की कहानी भी बड़ी अनोखी है.
कहते हैं कि अगर एक बार कुछ ठान लिया जाए तो कुछ भी नामुकिन नहीं होता है. अभी तक गीता ने 4 महाद्वीपों पर तिरंगा फहराकर फतेह हासिल की है. सबसे पहले गीता दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकोनकागुआ पहुंची. उसके बाद यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रुस ने पहुंची. तीसरे नंबर पर अफ्रीका महाद्वीप की किलिमंजारो और चौथी बार में ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची माउंट कोस्कीयूज्को को फतेह किया. अब गीता का अगला पड़ाव एशिया की सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करना है.
सबसे तेज पर्वतारोही का रिकॉर्ड बनाया
गीता की इस जिद ने उसके नाम सबसे तेज पर्वतारोही का रिकॉर्ड भी बना दिया है. विश्व के सात महाद्वीपों में 4 सबसे ऊंची चोटियों पर पताका फहराने वाली गीता सबसे तेज पर्वतारोही है. गीता इस स्पीड को रोकना नहीं चाहती और अप्रेल में पांचवी और सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर जाने की तैयारी कर रही है. गीता ने इसकी शुरूआत उत्तराखंड में स्थित माउंट सतोपंत (7075 मीटर) और नेपाल में स्थित माउंट लोबुचे से की थी.
महंगे वेंचर के लिए आर्थिक सहायता की दरकार
गीता चाहती है कि इस महंगे वेंचर के लिए उन्हें आर्थिक सहायता मिले. क्योंकि अब तक तीनों चोटियां गीता ने खुद अपने स्तर पर धनराशि एकत्र कर फतह हासिल की है. उसके चौथे सफर के लिये उसे एक निजी कंपनी की ओर से आर्थिक सहायता से मुहैया कराई गई थी. गीता के मुताबिक वैसे तो अब तक हजारों लोगों ने इन चोटियों को फतेह किया होगा लेकिन उनकी जानकारी में वो राजस्थान की पहली महिला है तो चारों चोटियों पर पहुंची हैं.
राजस्थान की छोरियां छोरों से कम नहीं है
गीता अब अपने पांचवें पड़ाव के लिये धन राशि इकठ्ठा करने के लिए मेहनत कर रही है. क्योंकि इस बार उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करनी है. इसका अनुमानित खर्चा 25 से 30 लाख के बीच आएगा. गीता अपनी जिद में अपनी पूरी जमा पूंजी खर्च कर चुकी है. गीता को उम्मीद है कि कोई भामाशाह उनकी मदद के लिए जरूर आगे आएगा. फिलहाल राजस्थान की इस बेटी से साबित कर दिया है कि यहां छोरियां किसी भी सूरत में छोरों से कम नहीं है. वो एक बार वो ठान ले तो दुनिया की किसी भी ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा सकती है.
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