Mobile to Petrol every imported goods become costly as Rupee slumps to 3 week low against US dollar महंगा होगा मोबाइल फोन से लेकर पेट्रोल डीजल तक सबकुछ, Budget 2022 से पहले सरकार के लिए आई बुरी खबर
Highlights
- विदेश से आयातित होने वाले सभी प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं
- रुपया तीन सप्ताह के निचले स्तर- 74.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ
- रुपये का मूल्य गिरने से विदेशों से सामान आयात करना महंगा होगा
मुंबई। यदि आप मोबाइल फोन या फिर कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने की सोच रहे थे, तो आपके लिए बुरी खबर है। विदेश से आयातित होने वाले सभी प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। विदेशी मुद्रा बाजार से निवेशकों के बाहर निकलने और घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट से सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 17 पैसे लुढ़क गया। इसी के साथ रुपया तीन सप्ताह के निचले स्तर- 74.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
वित्तीय वर्ष 2021 में, भारत ने 3.7 ट्रिलियन भारतीय रुपये से अधिक मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का आयात किया। उत्पादों में कंप्यूटर हार्डवेयर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक घटक और उपकरण और दूरसंचार उपकरण शामिल हैं।
बाजार के जानकारों के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से भी प्रभावित हुआ। विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा जोखिम वाली परिसंपत्तियों के प्रति निवेश धारणा कमजोर होने से भी रुपये में गिरावट आई। कारोबारियों को बाजार के आगे के संकेतों के लिए फेडरल रिजर्व की 25-26 जनवरी को होने वाली बैठक का इंतजार है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.43 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया ऊंचे में 74.42 और नीचे में 74.69 तक गया। अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 17 पैसे टूटकर 74.60 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
27 दिसंबर, 2021 के बाद यह बंद स्तर देखने को नहीं मिला था। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत बढ़कर 95.75 हो गया। वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 0.33 प्रतिशत की तेजी के साथ 88.18 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘आज जोखिम धारणा में और गिरावट आई और शेयर बाजार पर बिकवालों का नियंत्रण रहा। भू-राजनीतिक तनाव के बीच सुरक्षित निवेश वाली मुद्राओं में अच्छा कारोबार हुआ।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले, भू-राजनीतिक तनाव को लेकर किसी अनिश्चितता के कारण डॉलर में तेजी आ सकती है। परमार ने कहा कि विदेशी धन की निकासी और कमजोर घरेलू शेयर बाजार के बाद भारतीय रुपये ने सप्ताह की शुरुआत कमजोर रुख के साथ की।