Children are Doing Fine in the Omicron led Covid Third Wave Say Experts and Here are the Reasons Why
नई दिल्ली. हालांकि कोरोना (corona) संक्रमण के शुरुआती दौर से यह कहा जाता है कि कोरोना का असर बच्चों (Children) पर मामूली है. अब ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले में भी ऐसा ही दावा किया जा रहा है. देश के कई बाल रोग विशेषज्ञों ने न्यूज 18 डॉट कॉम (News18.com) को बताया कि दरअसल, पैरेंट्स में ओमिक्रॉन को लेकर ज्यादा डर हो गया है, इसलिए वे अपने बच्चों को अस्पताल में दाखिला करवा रहे हैं जबकि सच यह है कि तीसरी लहर के दौरान भी बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की बहुत कम जरूरत पड़ रही है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी या मार्च में बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम ((multisystem inflammatory syndrome in children -MIS-C))का जोखिम है लेकिन यह भी बहुत ही दुर्लभ होगा यानी बहुत ही कम बच्चों में होगा. डॉक्टरों का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं कि बच्चों को अस्पताल नहीं ले जाना चाहिए. अगर बच्चे में किसी तरह की असहजता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
बच्चे संयोग से होते हैं पॉजिटिव
करीब आधे दर्जन से ज्यादा बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि तीनों लहर के दौरान बच्चों में कोविड-19 के मामूली लक्षण ही देखे गए. और अगर उन्हें कोरोना हुआ भी तो एक सप्ताह के अंदर ही वे इससे बाहर आ गए. मेदांता अस्पताल में पेड्एट्रिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट डाइरेक्टर डॉ मनींद्र सिंह धारीवाल ने कहा कि इस बार कोविड बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है. कुछ ही मामलों में बच्चों को पेड्एट्रिक्स आईसीयू में जाना पड़ता है. इसका मतलब यह हुआ कि इस बार बच्चों को कोविड के कारण आईसीयू में भर्ती नहीं होना पड़ा है. उन्हें संयोग से कैंसर, लिवर, किडनी, हार्ट जैसी बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है और जब इस परिस्थिति में उनका टेस्ट किया गया तो वे संयोग से पॉजिटिव पाए गए.
बच्चों में सिर्फ मामूली लक्षण
गुजरात में प्रमुखस्वामी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सोमशेखर निंभालकर ने बताया कि पहले भी कोविड के कारण बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत कम ही पड़ी थी और ओमिक्रॉन वेब में भी इससे कम ही मामले सामने आ रहे हैं. अगर किसी बच्चों को कोरोना जैसे लक्षण दिखते भी हैं तो उन्हें सिर्फ गले में खराश और हल्का बुखार ही रहता है. उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के कारण बच्चों में मल्टीपल इंफ्लामेटरी सिंड्रोम (multisystem inflammatory syndrome in children -MIS-C) के मामले सामने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि सभी प्रेग्नेंट महिलाएं वैक्सीन की खुराक ले लें ताकि बच्चों पर इसका असर न हो.
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