Markets reel for fourth day amid global selloff Investors lose Rs 10.36 lakh cr in 4 days शेयर बाजार में शुक्रवार को भी बड़ी गिरावट, चार दिन में निवेशकों के डूबे 10.36 लाख करोड़ रुपये


Markets reel for fourth day amid global selloff Investors lose Rs 10.36 lakh cr in 4 days
Highlights
- चार कारोबारी सत्रों में निवेशकों को 10.36 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ
- सेंसेक्स 427.44 अंक या 0.72 प्रतिशत के नुकसान से 59,037.18 अंक पर आ गया
- सेंसेक्स शेयरों में बजाज फिनसर्व 5.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान
नयी दिल्ली। शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। बाजार में लगातार बिकवाली के बीच चार कारोबारी सत्रों में निवेशकों को 10.36 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट आई।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 427.44 अंक या 0.72 प्रतिशत के नुकसान से 59,037.18 अंक पर आ गया। चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 2,271.73 अंक नीचे आया है। इन चार सत्रों में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10,36,636.17 करोड़ रुपये घटकर 2,69,65,801.54 करोड़ रुपये पर आ गया है। सोमवार को बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,80,02,437.71 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था।
इन शेयरों में बड़ी गिरावट
सेंसेक्स शेयरों में बजाज फिनसर्व 5.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रही। इसके अलावा टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, भारतीय एयरटेल, एल एंड टी, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस और इन्फोसिस भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली एचयूएल 2.58 प्रतिशत चढ़कर सर्वाधिक लाभ में रही। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 18.68 प्रतिशत बढ़कर 2,300 करोड़ रुपये रहने की खबर से कंपनी के शेयर में मजबूती आयी। इसके अलावा, मारुति, एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक और टीसीएस समेत कुछ कंपनियों में भी 1.89 प्रतिशत तक की तेजी रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से घरेलू बाजार नुकसान में रहा। सभी प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार दबाव में रहा। मुद्रास्फीति को लेकर चिंता से वैश्विक बाजारों में कमजोर धारणा और कंपनियों के उम्मीद के मुकाबले हल्के तिमाही वित्तीय परिणाम से भी बिकवाली दबाव बढ़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर बाधाएं और आगामी बजट को लेकर अनिश्चितताओं से बाजार में आने वाले दिनों में काफी अधिक उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।’’