सस्ते होम-कार लोन का दौर खत्म! बढ़ेगा EMI का बोझ The era of cheap home-car loans is over! EMI burden will increase
Highlights
- अधिकांश बैंक एक दशक के निचले स्तर पर होम लोन मुहैया करा रहे हैं
- लोन पर ब्याज बढ़ाने के साथ बैंकों ने जमा पर भी दरों में इजाफा शुरू किया
- महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है
नई दिल्ली। बीते दो साल से चला आ रहा सस्ते ब्याज दर का दौर खत्म हो गया है। यानी 2022 में Home, Car और दूसरे कर्ज के लिए आपको ज्यादा ईएमआई चुकाना होगा। कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इनमें देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई, निजी क्षेत्र का बैंक कोटक महिंद्रा बैंक शामिल है। हालांकि, यह तो बस शुरुआत है। आने वाले दिनों में ब्याज दरों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। दरअसल, देश में बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए इस साल के मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। मई, 2020 से रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो 3.35% पर स्थिर है। इस साल रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हो सकती है।
जमा पर ब्याज बढ़ाया, लोन पर लगेगी चपत
मौजूदा समय में अधिकांश बैंक एक दशक के निचले स्तर पर होम लोन मुहैया करा रहे हैं। अधिकांश बैंकों में होम लोन पर ब्याज की दर 6.5% से 7% के बीच है। वहीं, कार लोन की दर 7% से 9% के बीच है। पर्सनल लोन भी अभी सस्ते दर पर उपलब्ध हैं। यानी, इस साल इसमें इजाफा होना तय है। लोन में बढ़ोतरी के साथ बैंकों ने जमा पर भी ब्याज दरों में इजाफा शुरू कर दिया है। एसबीआई ने 15 दिसंबर 2021 से 2 करोड़ रुपये से ऊपर की एफडी पर ब्याज भी बढ़ा दिया है। एसबीआई के साथ एचडीएफसी बैंक ने एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। एचडीएफसी बैंक में 2 साल से 3 साल में मैच्योर होने वाली FD अब 5.20% रिटर्न देगी। बैंक ने 3 साल से 5 साल में मैच्योर होने वाली जमाओं पर ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी की है। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी अलग-अलग पीरियड के लिए एफडी पर ब्याज दर में वृद्धि की है।
इसलिए है ब्याज दरें बढ़ने का खतरा
कच्चे तेल की कीमतें फिर बढ़कर 85 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। इससे भारत समेत दुनियाभर में महंगाई और बढ़ने का खतरा है। अधिकांश देशों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर है। मुद्रास्फीति एक प्रमुख वैश्विक चिंता बन गई है और मंहगाई दर में बढ़ोत्तरी को देखते हुए केन्द्रीय बैंक कोई कदम उठा सकता है। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने बढ़कर दिसंबर 2021 के दौरान 5.6 प्रतिशत रही। थोक मूल्य सूचकांक में भी तीव्र बढ़ोतरी का भी ब्याज दरों पर असर पड़ सकता है। महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।
ईएमआई बढ़ने के बोझ को कैसे कम करें?
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रेपो-लिंक्ड में अपने लोन को रीफाइनेंश कराएं
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बैंकों से बात करें और सस्ते ऑफर वाले बैंक में लोन को ट्रांसफर करें
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समय से पूर्व भुगतान की कोशिश करें
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आय बढ़ने के साथ ईएमआई अधिक चुकाएं