IPO craze to continue in March 2022 quarter 23 companies line up public issues worth Rs 44,000 cr | 2022 में भी मिलेंगे IPO से कमाई के मौके, मार्च तक 23 कंपनियां जुटाएंगी 44,000 करोड़ रुपये
Highlights
- आईपीओ का बाजार चालू जनवरी-मार्च की तिमाही में भी गुलजार रहेगा
- 23 कंपनियां आईपीओ के जरिये 44,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही हैं
- आईपीओ से राशि जुटाने के मामले में प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियां सबसे आगे रहेंगी
नयी दिल्ली। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का बाजार चालू जनवरी-मार्च की तिमाही में भी गुलजार रहेगा। तिमाही के दौरान 23 कंपनियां आईपीओ के जरिये 44,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही हैं। मर्चेंट बैंकरों ने यह जानकारी दी। आईपीओ से राशि जुटाने के मामले में प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियां सबसे आगे रहेंगी।
इससे पहले 2021 में 63 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड 1.2 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी। हालांकि, इस दौरान वृहद अर्थव्यवस्था महामारी की वजह से प्रभावित रही। इन कंपनियों के अलावा पावरग्रिड इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश न्यास) ने आईपीओ के माध्यम से 7,735 करोड़ रुपये जुटाए थे, वहीं ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट ने रीट (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) के जरिये 3,800 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी।
मर्चेंट बैंकरों ने कहा कि मार्च तिमाही के दौरान जिन कंपनियों के आईपीओ के जरिये धन जुटाने की उम्मीद है। उनमें ओयो (8,430 करोड़ रुपये) और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी कंपनी डेल्हीवरी (7,460 करोड़ रुपये) शामिल हैं। इनके अलावा अडाणी विल्मर (4,500 करोड़ रुपये), एमक्योर फार्मास्युटिकल्स (4,000 करोड़ रुपये), वेदांत फैशंस (2,500 करोड़ रुपये), पारादीप फॉस्फेट्स (2,200 करोड़ रुपये), मेदांता (2,000 करोड़ रुपये) और इक्सिगो (1,800 करोड़ रुपये) के आईपीओ भी तिमाही के दौरान आने की उम्मीद है।
मर्चेंट बैंकरों ने बताया कि स्कैनरे टेक्नोलॉजीज, हेल्थियम मेडटेक और सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज भी समीक्षाधीन तिमाही के दौरान आईपीओ ला सकती हैं। रिकूर क्लब के संस्थापक एकलव्य ने कहा, ‘‘कंपनियों द्वारा आईपीओ के जरिये सूचीबद्धता जनता से पूंजी जुटाने के लिए की जाती है, जिससे उनके शेयर की तरलता बढ़ती है और साथ ही मूल्य की खोज में भी मदद मिलती है।’’
लर्नऐप.कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रतीक सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियां अब वैश्विक स्तर पर विस्तार करना चाहती हैं और इसके लिए उन्हें पूंजी की जरूरत होती है। ऐसे में वे आईपीओ मार्ग के जरिये धन जुटाना पसंद करती हैं।