South Africa lifts Covid-19 curfew, Omicron first case came to the fore | दक्षिण अफ्रीका ने हटाया कोविड-19 कर्फ्यू, ओमिक्रॉन का पहला मामला आया था सामने
Highlights
- साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति कार्यालय ने देश में वर्तमान में चल रही संक्रमण की चौथी लहर के प्रबंधन के बारे में जानकारी ली।
- चौथी लहर में अधिकतर मामले कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आ रहे हैं।
- बयान में कहा गया कि पिछले हफ्तों में देश के 9 प्रांतों में से 2 को छोड़ कर शेष स्थानों पर मामलों की संख्या कम हुई है।
जोहानिसबर्ग: साउथ अफ्रीका ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सबसे पहली बार 2 वर्ष पहले लगाया गया रात का कर्फ्यू हटा दिया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने राष्ट्रीय कोरोना वायरस कमांड काउंसिल (NCCC) और राष्ट्रपति समन्वय परिषद (PCC) की गुरुवार को बैठकों के बाद इस आशय की घोषणा की। कार्यालय ने देश में वर्तमान में चल रही संक्रमण की चौथी लहर के प्रबंधन के बारे में जानकारी ली। बता दें कि साउथ अफ्रीका ही वह देश है जहां ओमिक्रॉन के संक्रमण का पहली बार पता चला था, ऐसे में अब वहां मामलों में कमी आना राहत का संकेत है।
साउथ अफ्रीका में चौथी लहर अभी भी बनी हुई है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में चौथी लहर अभी भी बनी हुई है हालांकि मामलों में कमी आने लगी है। चौथी लहर में अधिकतर मामले कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आ रहे हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कर्फ्यू हटाया जाएगा। लोगों की आवाजाही के समय पर अब कोई पाबंदी नहीं रहेगी।’ सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। बयान में कहा गया, ‘बंद स्थानों पर एक हजार और खुले स्थानों पर दो हजार से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’
‘देश राष्ट्रीय स्तर पर चौथी लहर के चरम को पार कर गया’
राष्ट्रपति कार्यालय के बयान में आगे कहा गया, ‘जहां समारोह स्थल छोटे हैं और जहां उचित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इतने लोग शामिल नहीं हो सकते, वहां समारोह स्थल की क्षमता से आधे लोग ही आमंत्रित किए जाएंगे। अन्य पाबंदिया पहले की ही तरह जारी रहेंगी। सभी संकेतक इस ओर इशारा करते हैं कि देश राष्ट्रीय स्तर पर चौथी लहर के चरम को पार कर गया है।’ इसमें यह भी कहा गया कि पिछले हफ्तों में देश के 9 प्रांतों में से 2 को छोड़ कर शेष स्थानों पर मामलों की संख्या कम हुई है।