Year Ender: India’s preparation for 2050 seen in 2021, Health Infra with Expressway Airport was the year 2021 में दिखी 2050 के भारत की तैयारी, एक्सप्रेसवे एयरपोर्ट के साथ हेल्थ इंफ्रा के नाम रहा साल
Highlights
- 2021 को एक्सप्रेस वे और एयरपोर्ट का साल कहें तो कुछ गलत नहीं होगा
- 2021 का साल गर्त में जा चुकी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा का साल था
- 2050 में एक सशक्त और मजबूत देश बनाने की मुहिम भी रंग लाती दिखी
2021 का साल देश के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। 2020 में शुरू हुए कोरोना संकट ने 2021 में वीभत्स रूप अख्तियार किया। करीब आधे साल सरकार का पूरा जोर कोरोना की विभीषिका से निपटने में रहा। 2021 का साल गर्त में जा चुकी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा का साल था। इस साल देश के प्रमुख संसाधनों का फोकस कोरोना के इलाज, वैक्सीन और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर रहा। लेकिन इसके बावजूद 2050 में एक सशक्त और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर वाला देश बनाने की सरकार की मुहिम भी रंग लाती दिखी।
2021 के साल को एक्सप्रेस वे और एयरपोर्ट का साल कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे राज्यों में एक्सप्रेसवे का जाल तेजी से फैल रहा है। इसके अलावा इस साल सरकार का पूरा फोकस हवाई नेटवर्क को छोटे शहरों से जोड़ने पर रहा। प्रमुख बौधस्थल कुशीनगर में नए हवाई अड्डे से लेकर ग्रेटर नोएडा में नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास चर्चा में रहा। इंडिया टीवी डिजिटल की टीम ने साल भर की इन्हीं झलकियों को एक साथ समेटकर बताने की कोशिश की है कि कैसे देश नए भारत के लिए तैयार हो रहा है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वायु सेना के मिराज की लैंडिंग
देश भर में फैला एक्सप्रेस वे का जाल
इकोनॉमी का चक्का तेजी से भागे, इसके लिए सरकार देश में एक्सप्रेस वे का जाल बिछाना चाहती है। इस समय देश में 2037 किमी. लंबे 18 एक्सप्रेस वे हैं। साल 2021 में एक्सप्रेस की दिशा में सबसे बेहतर रहा उत्तर प्रदेश, जहां इस साल अक्टूबर में लखनऊ और गाजीपुर के बीच 340 किमी. लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन हुआ। इसके अलावा यूपी में मेरठ और प्रयागराज के बीच 36,230 करोड़ की लागत से 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस वे को भी मंजूरी मिली है। इसके अलावा मुंबई—नागपुर समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे का काम भी इस साल पूरा हुआ। वहीं बेंगलुरू—चेन्नई, दिल्ली—मुंबई, दिल्ली—देहरादून और दिल्ली—कटरा एवं अमृतसर लिंक एक्सप्रेस के लिए भी 2021 का साल अहम रहा।
Year Ender: 2021 में दिखी 2050 के भारत की तैयारी, एक्सप्रेसवे-एयरपोर्ट के साथ हेल्थ इंफ्रा के नाम रहा साल
छोटे शहरों तक पहुंचा हवाई नेटवर्क
2021 का साल एविएशन सेक्टर के लिए हिचकोलों से भरा रहा। यह साल जहां सरकारी कंपनी एयर इंडिया की टाटा संस को बिक्री के कारण चर्चा में रहा, वहीं कई छोटे शहरों ने इस साल अपनी जमीन पर पहली बार हवाई जहाज देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल यूपी के प्रमुख बौद्ध स्थल कुशीनगर में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। वहीं बरेली, ग्वालियर, जबलपुर इस साल हवाई नेटवर्क से जुड़े। लेकिन इस साल सुर्खियां बटोरीं दिल्ली के करीब ग्रेटरनोएडा के जेवर में इंटरनेशनल हवाई अड्डे ने। इसके निर्माण का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट को मिला है। इसके 2030 तक पूरी तरह से आपरेशनल होने की संभावना है।
भोपाल का रानी कमलापति स्टेशन
अब रेलवे स्टेशन भी हवाई अड्डे जैसे
इस साल देश को पहला एयरपोर्ट जैसी खूबियों वाला रेलवे स्टेशन देखने को मिला। भोपाल के हबीबगंज स्टेशन को रानी कमलापति के रूप में नया नाम ही नहीं मिला, बल्कि यह देश का पहला हाईटेक स्टेशन भी बन गया है। इसके अलावा चिनाब नदी पर बन रहे दुनिया के सबसे उंचे पुल ने भी 2021 में सुर्खियां बटोरी। सरकार ने पुणे और नाशिक के बीच 235 किमी लंबे सेमी हाईस्पीड कॉरीडोर को भी मंजूरी दी। इस साल रेलवे ने रिकॉर्ड 6015 किमी. रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन किया।
इंडिया से भारत तक पहुंचा इंटरनेट
2021 का साल देश में 5जी की तैयारियों का रहा है। संभव है कि नए साल की शुरुआत में भारतीय ग्राहकों को 5जी सेवाएं उपलब्ध हो जाएं, लेकिन 2021 में लोगों के हाथ में 5जी फोन आ गए। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 4.7 करोड़ नए यूजर इंटरनेट से जुड़े, जिसके साथ ही देश में इंटरनेट के यूजर्स की संख्या 62.4 करोड़ के पार चली गई है। वहीं देश में 44 करोड़ लोग सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं, इनकी संख्या भी 8 करोड़ बढ़ी है।
सेहतमंद होता हेल्थ इंफ्रा
कोरोना संकट के बीच देश में सबसे अधिक सुधार की जरूरत अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं के क्षेत्र में रही। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक कमी आक्सीजन के क्षेत्र में रही। भारत की सरकार ने इस ओर काफी तेजी से सुधार किया। इसके अलावा टेस्टिंग लैब की संख्या में भी भारी सुधार आया। सबसे बड़ी उपलब्धि वैक्सीन को लेकर है। कोरोना की वैक्सीन के निर्माण में भारत 2021 में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा।
उद्योगों को मिला इंफ्रा का बूस्टर
देश में औद्योगिक ढ़ांचे में सुधार के लिए सरकार ने 2021 में नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर काम शुरू किया है। नवंबर 2021 में, एशियाई विकास बैंक (ADB) ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। इसकी मदद से 17 राज्यों को जोड़ने वाले 11 औद्योगिक गलियारों का निर्माण होगा। वहीं अक्टूबर में ही देश में टेलिकॉम, गैस पाइपलान, रेल और सड़क परिवहन में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गतिशक्ति योजना को भी मंजूरी मिली है।
2021 अटके प्रोजेक्ट की लागत 15000 करोड़ पहुंची
देश में इंफ्रा प्रोजेक्ट की घोषणाओं की चकाचौंध के बीच हमें अटके प्रोजेक्ट की स्याह सच्चाई पर भी गौर करना चाहिए। सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2021 में देश में केंद्र सरकार के अटके मेगा प्रोजेक्ट की संख्या 144 पहुंच गई है। इन प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़कर 14960 करोड़ पहुंच गई है। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 438 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 4.34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। देरी से चल रही 539 परियोजनाओं में 98 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने की, 109 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 211 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की तथा 121 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं।