India can be top producer of all agri commodities | सभी कृषि जिंसों के उत्पादन में भारत बन सकता है अव्वल, किसानों और कृषि वैज्ञानिकों में है क्षमता
नई दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि भारत के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों में इतनी क्षमता है कि हम दुनिया में सभी जिंसों के उत्पादन में पहले स्थान पर पहुंच सकते हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार तोमर ने किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान की शुरूआत करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा किया गया था।
तोमर ने कहा कि देश ने खाद्यान्न के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कृषि व सम्बद्ध उत्पादों के मामले में हमारा देश दुनिया में पहले या दूसरे स्थान पर है। हमारे किसानों व वैज्ञानिकों की इतनी क्षमता है कि हम दुनिया में प्रतिस्पर्धा करें तो लगभग सभी जिंसों में पहले स्थान पर हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि देश ने उत्पादन और उत्पादकता के मामले में शानदार प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में हम ऐसे मुकाम पर खड़े है, जहां हमें आत्मावलोकन करने के साथ ही चुनौतियां तथा उनके समाधान पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि आईसीएआर वर्षा आधारित और अन्य क्षेत्रों में कब-कौन सी खेती हो तथा किन बीजों को विकसित किए जाएं, इस पर सफलतापूर्वक काम रही है। यह भी प्रयत्न किया जा रहा है कि कृषि व किसान नई तकनीक से जुड़ें। तोमर ने कहा कि उत्पादन में हम अव्वल हैं। लेकिन इस प्रचुरता को प्रबंधित करना भी महत्वपूर्ण है। यह सरकार के साथ किसानों की भी जिम्मेदारी है कि हमारे उत्पाद गुणवत्तापूर्ण हों, वैश्विक मानकों पर खरे उतरें, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों, कम रकबे-कम सिंचाई में, पर्यावरण मित्र रहते हुए पढ़े-लिखे युवा कृषि की ओर आकर्षित हों।
कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और राज्यों के साथ मिलकर केंद्र कई प्रयास कर रहा है ताकि किसानों को नए बीज और तकनीक उपलब्ध कराई जा सके। केवीके से जुड़े किसान अन्य किसानों को कृषि को बेहतर बनाने और विभिन्न योजनाओं में किसानों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
तोमर ने कहा कि हम सबको मिलकर सभी गांवों को खुशहाल बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ जब ब्लॉक, जिला, राज्य का विकास होगा तो देश भी अपने आप समृद्ध बनेगा। परिणामस्वरूप भारत आत्म-निर्भर बनने में सफल होगा। मोदी सरकार से पहले कृषि बजट लगभग 21,000 करोड़ रुपये था, जो कि अब बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। कृषि हमारी प्राथमिकता है, कृषि ने प्रतिकूल समय में भी अपने महत्व को सिद्ध किया है। कोविड संकट के बावजूद न तो कोई कृषि संस्थान बंद हुआ न ही उत्पादन प्रभावित हुआ। कठिन समय में भी अधिक बुआई हुई और देश में बंपर उत्पादन हासिल किया गया।
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