Afghanistan crisis: West allies fear Islamic terrorists might be among evacuees leaving Kabul | शरणार्थियों की आड़ में अफगानिस्तान से दूसरे देशों में जा रहे हैं इस्लामिक आतंकी?
काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर हाल में जो दृश्य देखने को मिले हैं, वे पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हो सकते हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि शरणार्थियों की आड़ में अफगानिस्तान से इस्लामी आतंकवादियों को भी बाहरी देशों में भेजा जा रहा है। माना जा रहा है किइन जिहादी आतंकवादियों ने हजारों अफगानों और अन्य विदेशियों के बीच सफलतापूर्वक घुसपैठ कर ली है और उनमें से कुछ वास्तव में यूरोप और अमेरिका के लिए जाने वाले विमानों में सवार हो सकते हैं।
पेंटागन ब्रीफिंग के आधार पर पश्चिमी मीडिया दावा कर रहा है कि लगभग 100 लोगों को इस्लामिक स्टेट से संभावित संबंधों के साथ संदिग्ध आतंकवादियों के रूप में खुफिया निगरानी सूची में रखा जा सकता है। इन लोगों को पश्चिम एशिया और यूरोप में विभिन्न सैन्य ठिकानों पर हजारों शरणार्थियों से अलग किया गया था। अमेरिका ने इसी संदेह पर ही यह रणनीति बनाई है कि काबुल से उड़ान भरने वाले सभी विमान पहले कतर के अल उदीद एयर बेस या NATO देशों के कुछ अन्य एयरपोर्ट्स पर रुकेंगे।
दूसरी ओर द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ब्रिटेन के लिए ‘प्रत्यक्ष खतरा’ पेश करने वाले लोग अफगानिस्तान से निकलकर अन्य देशों में शरण के लिए जा रहे लोगों के बीच पाए गए थे। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘ब्रिटेन के लिए साफ खतरा समझे जाने वाले 6 लोगों को काबुल से निकाले जाने वाले लोगों की सुरक्षा जांच में हरी झंडी दिखाई गई, जबकि ये सभी ब्रिटेन की ‘नो फ्लाई’ लिस्ट में थे। ब्रिटेन की ‘नो फ्लाई’ लिस्ट में वे लोग शामिल हैं, जो इस देश में पहुंचने पर वहां के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
इस बीच कतर में एक ऐसे अफगानी के बारे में पता चला जिसके संबंध इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान शाखा से हो सकते हैं। फिलहाल उस शख्स को हिरासत में ले लिया गया है। बाकी संदिग्ध मामलों के बारे में अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, हालांकि यह पता चला है कि उनकी जांच-पड़ताल करने के लिए एक विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां भी शरणार्थियों में स्लीपर सेल की पहचान करने के लिए कमर कसे हुए हैं। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आतंकियों ने ऐसे लोगों को अपने मंसूबे पूरे करने के लिए शरणार्थियों की भीड़ में घुसाया हो जिनकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री ही न हो।
अगले कुछ दिनों में स्क्रीनिंग के खत्म होने के बाद हजारों अफगानी अमेरिका में प्रवेश करेंगे। उन्हें टेक्सस, विस्कॉन्सिन और वर्जीनिया में सैन्य ठिकानों पर रखा जाएगा, जहां मॉडर्न इक्विपमेंट्स से उनकी जांच की जाएगी। डिफेंस वन ने कहा है कि काबुल से करीब 70,000 लोगों को निकाला गया है और 31 अगस्त तक हजारों लोगों के बाहर जाने की उम्मीद है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा यूरोप और पश्चिम एशिया के कई अन्य देश भी काबुल से लोगों को निकाल रहे हैं। वे भी अब इस प्रकार की संभावना सामने आने के बाद डबल अलर्ट पर हैं।