हैकर्स ने चुराया एसेंचर का 6 टेराबाइट्स “टॉप सीक्रेट” डेटा, फिरौती के लिए गुरुवार शाम तक का दिया वक्त
दुनिया की दिग्गज आईटी फर्म एसेंचर (Accenture ) बड़े साइबर हमले का शिकार हुई है। साइबर अपराधियों ने एसेंचर पर रैंसमवेयर हमले का हमला किया है। लॉकबिट रैंसमवेयर गिरोह ने मंगलवार रात अपनी डार्क वेब लीक साइट पर हमले की घोषणा की, भुगतान के लिए गुरुवार शाम की समय सीमा निर्धारित की है। हालांकि ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म एसेंचर का कहना है कि इस हमले से कंपनी पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है।
एक्सेंचर ने बुधवार को एक बयान में कहा कि हमने अपने ईकोसिस्टम में अनियमित गतिविधि की पहचान की और तुरंत मामले को नियंत्रित किया और प्रभावित सर्वरों को अलग कर दिया। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि घटना कब हुई, साथ ही यह भी नहीं स्वीकार किया है कि यह रैंसमवेयर था। लेकिन इसकी प्रतिक्रिया का विवरण रैंसमवेयर के अनुरूप था।
कंपनी के अनुसार हमारे प्रभावित सिस्टम को बैक अप से पूरी तरह से बहाल कर दिया है। एक्सेंचर के संचालन पर, या हमारे ग्राहकों के सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। अटलांटा स्थित साइबर सुरक्षा खुफिया फर्म साइबल ने एसोसिएटेड प्रेस चैट तस्वीरें साझा की हैं जिन्हें लॉकबिट के आधिकारिक कम्युनिकेशन चैनल का बताया जा रहा है।
अपराधियों का दावा है कि उन्होंने एक्सेंचर से 6 टेराबाइट्स से अधिक “टॉप सीक्रेट” डेटा चुरा लिया, जिसके लिए उन्होंने कहा कि वे 50 मिलियन अमरीकी डालर की मांग कर रहे थे। एक्सेंचर इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा कि अपराधियों द्वारा कौन सा डेटा, यदि कोई हो, निकाला गया था।
लॉकबिट एक रूसी भाषी रैंसमवेयर सिंडिकेट है जो पूर्व सोवियत देशों को लक्षित नहीं करता है। साइबर सुरक्षा फर्म एम्सिसॉफ्ट के अनुसार, यह सबसे कुशल रैंसमवेयर वेरिएंट में से एक है। सितंबर 2019 से सक्रिय, इसने हजारों संगठनों पर हमला किया है।
इसके ज्ञात पीड़ितों में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया है। अक्टूबर 2020 में यह इसी रैनसमवेयर से प्रभावित हुई थी। भारत की यह सबसे बड़ी समाचार एजेंसी घंटों तक इससे प्रभावित रही। लेकिन फिरौती का भुगतान किए बिना हमले से बच गई।