Indian Olympic contingent returned from Tokyo, received a grand welcome at the airport – टोक्यो से वापस लौटा भारतीय ओलंपिक दल, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत
रिकॉर्ड पदक के साथ टोक्यो ओलंपिक का समापन कर भारतीय दल स्वदेश लौट चुका है। एयरपोर्ट पर भारतीय खिलाड़ियों का ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत हो रहा है। एयरपोर्ट के बाहर कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया के दोस्त और परिवार स्वागत के लिए खड़े हैं।
बता दें, टोक्यो ओलंपिक से लौट रहे भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम हो रखा है। उनके स्वदेश लौटने से पहले दिल्ली पुलिस ने इंदरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी था। एयरपोर्ट के एक अधिारी के मुताबीक, टर्मिनल 2 और 3 के पास एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के कुछ वरिष्ठ अधिकारीयों ने घेरा बंदी किया है। एथलीटों की फ्लाईट 3 से 4 बजे के बीच लैंड होने की संभावना है।
दिल्ली पुलिस के अलावा, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और डॉग स्क्वायड टीमों को भी तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिाकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, आम लोगों को यहां इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है, पर लोगों के उत्साह को देखते हुए भीड़ जमा हो सकती है। इसलिए किसी भी तरह की घटना से बचने के लिए पुखता इंतजाम किए गए हैं।
सुरक्षा के अलावा दिल्ली पुलिस कोविड के नियमों को भी पालन करने पर ध्यान दे रही है। एथलीटों के लौटने के बाद शाम को होटल अशोक में एक कार्यक्रम में देश के सभी पदक विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इवेंट के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए खिलाड़ियों से बातचीत करेंगे। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कुल सात पदक जीते, जिसमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।
इस ओलंपिक में भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों 7 अगस्त का दिन ऐतिहासिक बना दिया जबकि बजरंग पूनिया भी कांस्य पदक जीतने में सफल रहे जिससे भारत ने किसी एक ओलंपिक खेल में सर्वाधिक पदक जीतने का नया रिकार्ड बनाया। चोपड़ा ने टोक्योओलंपिक खेलों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया। एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है। स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार पहलवान बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराकर तोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। भारत को गोल्फ में अदिति अशोक भी पदक दिलाने के करीब पहुंच गयी थी लेकिन आखिर में उन्हें चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।
भारत ने इस तरह से एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक जीतकर टोक्यो खेलों में अपने अभियान का समापन किया। यह भारत का किसी एक ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उसने लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे। भारत अभी तोक्यो की पदक तालिका में 47वें स्थान पर है। हरियाणा के खांद्रा गोव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय चोपड़ा शुरू से ही आत्मविश्वास से भरे हुए थे और किसी भी समय दबाव में नहीं दिखे।