Will Prashant Kishor join Congress Rahul Gandhi took the opinion of the leaders– News18 Hindi

नई दिल्ली. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) जल्द ही कांग्रेस (Congress) का दामन थाम सकते हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीके को पार्टी में शामिल करने पर रायशुमारी शुरू कर दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल ने इस बाबत पार्टी के नेताओं की दो बड़ी बैठकों में नेताओं का मन टटोला. कांग्रेस पीके के ‘रिवाइवल प्लैन’ पर भी चर्चा कर रही है. क्या पीके अब राहुल गांधी के लिए रणनीति बनाएंगे? क्या पीके अब कांग्रेस की डूबी हुई नैया को पार लगाने का फार्मूला अमल में लाएंगे? क्या पीके इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुज़र रही पार्टी का सुनहरा दौर ला पाएंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इलेक्शन मैनेजमेंट का काम छोड़ने की घोषणा कर चुके पीके अब नेता के अवतार में नज़र आ सकते हैं.
पीके के गांधी परिवार से मुलाक़ात के बाद इस कयास को और बल मिला है कि वो जल्दी ही हाथ के साथ आ सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक पीके की राहुल,प्रियंका,सोनिया के साथ बैठक के बाद राहुल गांधी ने पार्टी की दो बड़ी बैठकों में नेताओं से पीके को पार्टी में शामिल किए जाने पर राय मांगी. सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी ने पीके की पार्टी में भूमिका क्या हो? इस पर भी इन नेताओं से सलाह मांगी.मतलब राहुल गांधी ने पीके को पार्टी में शामिल करने का मन बना लिया है.
फिलहाल को वरिष्ठ नेताओं का ग्रुप पीके के कांग्रेस को ज़िंदा करने के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं. सूत्र कहते हैं कि सिर्फ पीके ही नहीं अन्य क्षेत्रों के बड़े नाम भी पार्टी में शामिल किए जाने पर विचार चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक पीके ने अपने रिवाइवल प्लान में पार्टी के ढांचे में बदलाव की ज़रूरत बताई है साथ ही समान विचारधारा के दलों के साथ अभी से रणनीतिक और मधुर संबंध बनाने की अनुशंसा की है.
राहुल के साथ बैठक में क्या हुआ?
पीके को लेकर पार्टी में दो राय भी है. कुछ नेता पीके को ओवर रेटेड व्यक्ति मानते हैं और इसके पीछे तर्क देते हैं कि यूपी में 2017 में उन्होंने ही पार्टी की लुटिया डुबोई. पार्टी के नेता कहते हैं कि राहुल की किसान यात्रा के बाद सूबे में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन गया था लेकिन ऐन वक्त पर सपा से समझौता करवाकर पीके ने पार्टी की उम्मीदों को हमेशा के लिए धक्का दे दिया. इन नेताओं को पीके के एकतरफा काम करने के तरीके से भी दिक्कत है.
हालांकि राहुल गांधी के साथ बैठक में किसी नेता ने पीके को लेकर कोई ऐतराज़ नहीं जताया. कुछ नेता पीके को पार्टी में शामिल करने के पक्ष में तो हैं लेकिन उनको पार्टी के फैसलों को पूरी तरह सौंप देने के खिलाफ हैं. ज़ाहिर है राहुल को ही अंतिम फैसला लेना है और अब तक मिले संकेतों के मुताबिक पीके का पार्टी में आना तय है.
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