Tokyo Olympics 2020: ‘Welcome to the club’, Vijendra and Mary Kom congratulate Lovlina, who was medal-confirmed in the Olympics


Lovlina Borgohain (red) of Team India celebrates victory over Nien Chin Chen of Team Chinese
भारतीय मुक्केबाजी के स्टार विजेंदर सिंह और छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम ने लवलीना बोरगोहेन के शुक्रवार को तोक्यो खेलों में ओलंपिक पदक पक्का करने के बाद कहा, ‘वेलकम टू द क्लब’। विजेंदर ने 2008 में देश को पहला ओलंपिक पदक दिलाया था जिसके बाद मैरीकॉम 2012 लंदन चरण में पोडियम स्थान हासिल करने वाली पहली महिला मुक्केबाज बनी थीं। अब ये दोनों उम्मीद कर रहे हैं कि लवलीना तोक्यो में उनसे बेहतर प्रदर्शन करे।
ओलंपिक पदक दिलाने वाले भारत के पहले पुरूष मुक्केबाज विजेंदर ने पीटीआई से लवलीना की टोक्यो में क्वार्टरफाइनल जीत के बारे में पूछने पर कहा, ‘‘वेलकम टू द क्लब (क्लब में आपका स्वागत है)। ’’ लवलीना ने चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैम्पियन निएन चिन चेन को 4 – 1 से हराकर अंतिम चार चरण में क्वालीफाई किया जहां उनका सामना तुर्की की मौजूदा विश्व चैम्पियन बुसेनाज सुरमेनेली से होगा।
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मैरीकॉम ने टोक्यो से कहा, ‘‘हम इस पदक का इंतजार कर रहे थे, हर किसी ने इतनी मेहनत की है। मैं उसके लिये बहुत खुश हूं। ’’ विजेंदर (35 वर्ष) लवलीना की तकनीकी रणनीति से काफी प्रभावित दिखे जिसने उन्हें एमेच्योर सर्किट पर अपना अभियान याद दिला दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘कितनी बढ़िया बाउट थी। उसकी योजना काबिले तारीफ थी। उसने दाहिने हाथ का इतना प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया, जिससे मुझे एमेच्योर सर्किट पर अपने दिन याद आ गये। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसे अगले दौर में कड़ी प्रतिद्वंद्वी से भिड़ना है लेकिन इस रणनीति के साथ वह निश्चित रूप से उसे हरा सकती है। ’’
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मैरीकॉम ने कहा, ‘‘वह हमेशा ही कम चर्चित लड़की रही है। यह पदक उसके लिये जश्न का मौका है। ’’ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने लवलीना की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि वे इस क्षण का इंतजार कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस खबर को सुनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह सिर्फ मुक्केबाजी के लिये ही नहीं बल्कि असम और पूरे देश के लिये गौरव का क्षण है। लवलीना का यह बहुत ही साहसिक प्रयास है, निश्चित रूप से। ’’
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उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले साल कोविड-19 संक्रमित हो गयी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी मां भी किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। लेकिन वह जन्म से ही ‘फाइटर’ है। भारतीय मुक्केबाजी के लिये यह बड़ा मील का पत्थर है और जिस तरह से इस युवा लड़की ने खुद को साबित किया है, उससे हम सभी गर्व महसूस कर रहे हैं। ’’