केवलादेव उद्यान से 800 चीतल अन्य टाइगर रिजर्व में किये जाएंगे शिफ्ट, जानिये क्यों ? 800 chitals will be shifted from Keoladeo Udyan to other tiger reserves, Buma technology– News18 Hindi
राजस्थान में वन्यजीवों को शिफ्ट करने के लिये पहली बार नई बूमा तकनीक का प्रयोग किया जायेगा. मध्यप्रदेश में बूमा तकनीक से हिरणों को बिना ट्रेंकुलाइज किए ट्रांसपोर्टेशन व्हीकल की स्पेशल डिजाइन करके उसके माध्यम से दूसरी जगह पर छोड़ा जाता है. इस टेक्निक का प्रशिक्षण लेने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश भेजा गया है.
रणथम्भौर नेशनल पार्क में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है
वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोहन लाल मीणा के अनुसार रणथम्भौर नेशनल पार्क में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. कई बार बाघों के बीच टेरिटोरियल फाइट देखने को मिलती है. लिहाजा बाघों नए आवास में बसाने का लिए चौथा टाइगर रिजर्व बूंदी के रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य बनाया गया है. दूसरे वन क्षेत्रों से टाइगर और अन्य वन्यजीवों को रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट किया जाएगा.
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व 1017 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से जुड़े काम जल्द ही धरातल पर शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद वन विभाग ने चौथे टाइगर रिजर्व का प्लान तैयार किया है. इसमें अन्य वन क्षेत्रों से टाइगर और अन्य वन्यजीवों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है. इससे प्रदेश में बाघों को बेहतरीन प्राकृतिक आवास मिलेगा. उनका बेहतर तरीके से संरक्षण और संवर्धन हो सकेगा. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व 1017 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
सरिस्का टाइगर रिजर्व में 25 टाइगर है
मौजूदा हालात देखे जाएं तो रणथम्भौर नेशनल पार्क में 70 टाइगर हैं. यहां अनुमानित कैपेसिटी 40 की है. सरिस्का टाइगर रिजर्व में 25 टाइगर है. यहां अनुमानित कैपिसिटी 35 की है. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 1 टाइगर है. यहां अनुमानित कैपेसिटी 12 की है. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक टाइगर है. यहां अनुमानित कैपेसिटी 20 की है। ऐसे बाघों को अन्य टाइगर रिजर्व भेज उनके संरक्षण के बेहतर प्रयास किये जायेंगे.
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