22 जुलाई को प्रदेश में निजी बसों का चक्का जाम, मांगे नहीं मानी तो… Rajasthan News there is strike of private bus operators On July 22 in state nodss– News18 Hindi

क्या हैं बस ऑपरेटर्स की मांग
- निजी बसों का 1 वर्ष का टैक्स माफ किया जाए.
- अन्य राज्यों की भांति राजस्थान में भी 40% किराए में बढ़ोतरी की जाए.
- बसों को डीजल से सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए सरकार दो साल के लिए 3 लाख रुपये बिना ब्याज के बस संचालकों को लोन दे.
कोरोना ने हालत खराब
निजी बसों की हड़ताल में ट्रैवल एजेंसियां भी शामिल हैं. ट्रैवल एजेंसी संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार चांदना ने बताया कि मांगें गलत नहीं हैं क्योंकि लगभग 1 वर्ष से स्कूल कॉलेज, अदालत, सरकारी ऑफिस, कोचिंग संस्थाएं बंद हैं. साथ ही सोशल डिस्टेंस के कारण बसों में यात्रियों का अभाव होने से हमारी 80% बसें बंद पड़ी हैं. सरकार हम से खड़ी हुई बसों का टैक्स मांग रही है जो उचित नहीं है. जब डीजल का रेट 42 रुपये प्रति लीटर था तब सरकार की ओर से 85 पैसे प्रति किलोमीटर किराया तय किया गया था. आज जब डीजल का रेट 100 रुपये प्रति लीटर हो गया है तब राज्य में किराया नहीं बढ़ाया गया है. टोल टैक्स, बीमा और स्पेयर पार्ट्स की दरें भी बढ़ गई हैं. इसे देखते हुए अन्य राज्यों ने 40 प्रतिशत तक किराया बढ़ाया है.
कोटा में 700 और पूरे हाड़ाती में 1400 बसें नहीं चलेगी
साहू ने बताया कि हमारे आंदोलन को प्रदेशभर की 42 अन्य यूनियनों का भी समर्थन मिल रहा है. कोटा की बात की जाए तो यहां 700 बसें 22 जुलाई को नहीं चलेंगी. इसके साथ ही कोटा संभाग की बात करें तो करीब 1400 बसें हैं जिनके चक्के जाम रहेंगे. साहू ने आमजन से अपील भी की है कि 22 जुलाई को कहीं सफर पर जाने की प्लानिंग न करें. बंद की मॉनिटरिंग के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है जो मुख्य मार्गों पर तैनात रहेगी.
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