अमेरिका में क्यों बैन है असली गन सरीखी खिलौना पिस्तौलें, बहुत कड़े हैं कानून

पहले तो हम नए विवाद की बात करते हैं. फिर खिलौना गन से संबंधित कानूनों पर आएंगे. साथ ही ये भी देखेंगे कि आखिर क्यों दुनियाभर में बच्चों की खिलौना गन पर रोक की बात की जाती रही है. आखिर इसका बाल मनोविज्ञान पर असर क्या पड़ता है.
ये खबर करीब एक सप्ताह पहले की है. जब अमेरिका की एक बंदूक कंपनी कल्पर प्रिसिजन ने ऐसी खिलौना गन को कॉपी करके उसकी असली गन बिक्री के लिए बाजार में उतार दी. ये गन लेगो की खिलौना पिस्तौल की तरह लगती है. इसके उत्पादन और बिक्री को लेकर कल्पर प्रिसिजन के अपने तर्क थे. अमेरिका में इसका विरोध शुरू हो गया. इसी बीच डेनिश टॉयमेकर कंपनी लेगो ने कल्पर प्रिसिजन को पत्र लिखकर मांग की कि वह इस हथियार का उत्पादन बंद कर दे.

बाजार में और ई कामर्स कंपनियों की साइट पर तमाम ऐसी टॉय गन बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जो असली जैसी लगती हैं. कई देशों में इन्हें इस तरह बेचना गैरकानूनी है.
समाचार माध्यमों में ये गन चर्चा का विषय बनी. आमतौर पर सभी ने माना कि ये गलत किया गया है. तुरंत इसकी बिक्री और उत्पादन बंद कर देना चाहिए, इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. बल्कि ऐसी गन लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है.
आखिरकार विवाद तब थमा जबकि कल्पर प्रिसिजन कंपनी के प्रेसीडेंट ब्रेंडन स्काट ने अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट से कहा, वकील से चर्चा के बाद वो लेगो के अनुरोध को मान रहे हैं. फिर बंदूक निर्माता कंपनी ने इसकी बिक्री रोक दी और इसे अपनी वेबसाइट से हटा दिया.
खिलौना पिस्तौल को लेकर कड़े हैं अमेरिकी कानून
अमेरिका के कानूनों में गन बेचना जितना आसान है और इसे खरीदना भी जितना सहज लेकिन खिलौना बंदूकों को लेकर कानून उतने ही कठिन भी. अमेरिकी कानून साफ कहते हैं कि कोई भी टॉय गन यानि खिलौना बंदूक असल जैसी नहीं दिखनी चाहिए. वैसे भी बच्चों में बंदूक के खेल को लेकर लंबे समय से बहस होती रही है कि क्या ऐसे खिलौने बच्चों के हाथों में दिए जाने चाहिए. अमेरिका में बच्चों और आग्नेयास्त्रों से होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है. पिछले साल बंदूक से जुड़ी ऐसी घटनाओं में 140 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

अमेरिका में कोई भी खिलौना पिस्तौल तब तक ना तो निर्माण की जा सकती है और ना ही उसकी बिक्री हो सकती है जब तक कि उसकी टिप या नाल गुलाबी रंग की ना हो.
तब स्टोर्स ने टॉय गन की बिक्री रोक दी थी
अमेरिका में आमतौर पर बडे़ स्टोर्स ने 1968 की मई में मार्टिन लूथर किंग और फिर इसी साल जून में राबर्ट एफ कैनेडी की हत्या के बाद इसे अपनी बिक्री सूची से हटा लिया था. 1970 के दशक में अमेरिका में गन नियंत्रण की पैरवी करने वालों ने संघीय सरकार से खिलौना गन की बिक्री और उत्पादन पर रोक लगाने की मांग की. हालांकि खिलौना इंडस्ट्री ने इसका विरोध किया.
टॉय गन को लेकर क्या शिकायतें थीं
1973 में अमेरिका के नए बने अमेरिकी कंज्यूमर प्रोडक्ट सेफ्टी कमीशन को ग्राहकों के ढेरों पत्र और शिकायतें मिलने लगीं कि टॉय गन और खिलौना हथियारों के लिए अलग सुरक्षा मानक तय करे. इनकी डिजाइन भी अलग हो. लेकिन अब भी खिलौना निर्माता कई ऐसी गन और खिलौना हथियार बना रहे थे जो असली जैसी लगती थीं, बस अब खिलौनों के पैकेट के साथ एक वार्निंग लेबल और दिशानिर्देश चिपकने लगे थे.
फिर अमेरिका ने इसके निर्माण और बिक्री पर रोक लगा दी
कंज्युमर प्रोडक्ट सेफ्टी कमीशन ने बेशक ऐसे खिलौनों के लिए नियम बनाने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई लेकिन अमेरिका के ही डिपार्टमेंट ऑफ कामर्स ने इनके उत्पादन, बिक्री और इसकी शिपिंग पर रोक लगा दी. डिपार्टमेंट शर्त रख दी कि सभी खिलौना गन की नोंक या आरेंज कलर की रखी जाए या पूरी तरह से उनके रंग चमकीले हों. जिन निर्माताओं ने इसका पालन किया, उनके उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं थी.

अगर अमेरिका में कोई ऐसी खिलौना पिस्तौल की बिक्री करता है या उसका इस्तेमाल करता है तो उसे अपराध माना जाता है और ऐसे में जेल और दंड का प्रावधान है.
अमेरिका में कैसी खिलौना गन बिक सकती हैं
मार्च 2018 में वालमार्ट ने घोषणा की कि वो कुछ खास तरह की टॉय गन की बिक्री रोक रहे हैं, क्योंकि वो असली राइफल की तरह लग रही हैं. अमेरिका के नियम साफतौर पर ये कहते हैं कि अगर कोई भी खिलौना गन असली की तरह लगती है तो उसकी बिक्री और निर्माण, लाने-लेजाने पाबंदी है. साथ ही ये कड़ा कानून है कि खिलौना गन की टीप या नाल जरूर आरेंज कलर की होनी चाहिए.
एक साल की जेल और 1000 डॉलर का जुर्माना
न्यूयार्क, वाशिंगटन, शिकागो और मिशिगन में पूरी तरह से एयरसाफ्ट टॉय गन पर रोक है. यहां तक कि न्यूयार्क ने तो वर्ष 2003 में कानून बना दिया कि अगर किसी ने भी असली गन जैसी लगने वाली ट्वॉय गन बनाई या बेची तो ना केवल उस 1000 डॉलर का जुर्माना लगेगा बल्कि एक साल की जेल की सजा भी होगी.ये अपराध की श्रेणी में आता है.अमेरिका के कुछ हिस्सों में अगर किसी ने ट्वॉय गन के साथ कोई लूटमार या अपराध किया है तो उस पर वही धाराएं लगेंगी जो असली गन के इस्तेमाल पर लगती हैं.
ब्रिटेन में खिलौना पिस्तौल पर विवाद
ब्रिटेन में इस बात पर विवाद रहा है कि बच्चों को ऐसी खिलौना गन से खेलने दिया जाए या नहीं. बहुत से लोगों का मानना है कि ट्वॉय गन हिंसा को बढ़ावा देती हैं. वर्ष 2007 में ब्रिटिश डिपार्टमेंट फॉर चिल्ड्रन, स्कूल्स एंड फैमिली ने तो ट्वॉय गन की युवा बच्चों के लिए पैरवी की और कहा ये उनके विकास में मददगार साबित होती है लेकिन इस सलाह की देश में टीचर्स की सबसे बड़ी एसोसिएशन ने जमकर आलोचना की. उनके अनुसार ट्वॉय गन दरअसल एग्रेसन का प्रतीक ही नहीं हैं बल्कि बच्चों को हिंसक बनाती हैं.
पाकिस्तान में कई शहरों में बैन
पाकिस्तान में शफीक गिगयानी ने ट्वॉय गन के खिलाफ अभियान चला रखा है. पाकिस्तान में भी एक हादसे के बाद कई शहरों में पुलिस ने खिलौना बंदूक की बिक्री पर रोक लगा रखी है.
वाकई नुकसान पहुंचा सकती है
टॉय गन वाकई नुकसान पहुंचा सकती हैं. कई बार ये असली पिस्तौल होने का भ्रम भी देती हैं. आप ई कामर्स साइट्स पर चले जाइए, वहां तमाम ऐसी टॉय गन लिस्ट में नजर आ जाएंगी जो असली गन जैसी लगती हैं. इससे कई तरह के नुकसान हैं-
- एक लुटेरा या अन्य अपराधी टॉय गन से लोगों को धमका सकते हैं.
- लोग खिलौना बंदूक लेकर किसी को वश में करने का प्रयास कर सकते हैं
- पुलिस अधिकारी और सशस्त्र नागरिक खिलौना बंदूक ले जाने वाले किसी व्यक्ति को असली बंदूक ले जाने वाला हत्यारा समझ सकते हैं, उन्हें गोली मार सकते हैं. पाकिस्तान के मुल्तान शहर में एक किशोर के साथ ऐसा ही हुआ, पुलिस ने उसे गोली मार दी.
- एक बच्चा खिलौना बंदूक सरीखी भ्रमित करने वाली असली बंदूक के साथ खेल सकता है, इससे फायर कर सकता है.
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