कोरोना की लड़ाई में भारत की वैक्सीन उत्पादन में क्या है स्थिति ?, यहां जानें टीके से जुड़ी हर बड़ी बात
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की जंग जीतने के लिए भारत जितने तेजी से वैक्सीनेशन (Vaccination in India) अभियान चला रहा है उतने ही गति से सरकार वैक्सीन के विकल्प (Vaccine Options) को जोड़ने में भी लगी है. शुक्रवार को भारत सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन ( Johnson and Johnson) की सिंगल डोज वैक्सीन को आपातकालीन उपयोगी के लिए मंजूरी दे दी. अब देश के पास कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना के बाद जॉनसन एंड जानसन के रूप में पांचवीं वैक्सीन मौजूद है.
जॉनसन एंड जॉनसन से पहले डीजीसीआई ने एक महीने पहले मुंबई स्थित सिप्ला कंपनी को देश में प्रतिबंधित मॉडर्ना की कोविड 19 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए आयात की अनुमति दी थी. आइए जानते हैं कि देश में वैक्सीन और वैक्सीनेशन दोनों की क्या स्थिति है और देश भविष्य में क्या उम्मीद कर सकता है.
50.62 करोड़ लोगों को लग चुकी वैक्सीन :
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में शनिवार तक 50.62 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. शनिवार को कुल 50 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई. टीकाकरण अभियान के 204वें दिन 50 लाख 384 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई. इनमें से 36 लाख 88 हजार 660 लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ली जबकि 13 लाख 11 हजार 724 ऐसे लोग थे जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई.
टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के बाद 18 से 44 वर्ष के 17 करोड़ 54 लाख 103 लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ली जबकि 1 करोड़ 18 लाख 8 हजार 368 लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 52.37 करोड़ से अधिक COVID-19 वैक्सीन खुराक प्रदान की जा चुकी हैं. मंत्रालय ने कहा कि 2.42 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक अभी भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास उपलब्ध हैं.
JOHNSON AND JOHNSON’S JANSSEN :
जॉनसन एंड जॉनसन को फिलहाल देश में आपातकालीन उपयोग के लिए इजाजत मिल गई है लेकिन अभी भी इस बात का संशय बना हुआ है कि गंभीर परिस्थितियों में जरूरत के समय यह वैक्सीन कब तक देश में उपलब्ध हो पाएगी. टाइम्स ऑफ इंडिया के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सरकार को उम्मीद है कि इस वैक्सीन की आपूर्ति सितंबर महीने के आस पास हो सकती है. शुरुआती महीने में भारत वैक्सीन की 3 से 5 करोड़ डोज की उम्मीद कर सकता है.
OXFORD-ASTRAZENECA’S COVISHIELD :
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित जवाब में बताया था कि 16 जनवरी से 5 अगस्त के बीच टीकाकरण कार्यक्रम के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई कोविशील्ड की 44.22 करोड़ खुराक की आपूर्ति की गई थी.
इसके बाद सरकार ने 6 अगस्त को यह जानकारी की दी कि कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता 11 करोड़ से बढ़ाकर 12 करोड़ करने की योजना है. हाल ही में इसकों लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अदार पूनावाला से मुलाकात भी की थी.
BHARAT BIOTECH’S COVAXIN:
सरकारी आंकड़ों के मुताबकि 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद 5 अगस्त तक भारत बायोटेक द्वारा बनाई जाने वाली कोवैक्सीन की 6.82 करोड़ खुराक की आपूर्ति की गई थी. सरकार ने अब कोवैक्सीन की मासिक उत्पादन क्षमता 2.5 करोड़ से बढ़ाकर 5.8 करोड़ करने की योजना बनाई है.
RDIF’S SPUTNIK V:
दराबाद स्थित फार्मास्युटिकल डॉ रेड्डीज ने भारत में स्पुतनिक वी की 250 मिलियन शीशियों को बेचने के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ समझौता किया था. स्पुतनिक वी की की पहली खेप 1 मई को भारत में उतरी और 13 मई को केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला से इसे मंजूरी प्राप्त हुई.
MODERNA VACCINE:
मॉडर्ना वैक्सीन को भारत सरकार द्वारा 18 साल से अधिक उम्र के वयस्कों में आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करने के लिए आयात की अनुमति दी गई है. यह भारत में वैक्सीन की क्षतिपूर्ति को पूरा कर रही है. फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन के साथ मॉडर्ना भारत को टीकों की आपूर्ति के लिए कमी को पूरा करने पर जोर दे रहे हैं.
अगस्त-दिसंबर के बीच सरकार को 135 करोड़ खुराक की उम्मीद:
सरकार को कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी की 20 करोड़ खुराक अगस्त में और 25 करोड़ खुराक सितंबर में मिलेगी। इसके अलावा, सरकार को अक्टूबर तक बायोलॉजिकल-ई, ज़ाइडस कैडिला, नोवावैक्स और जेनोवा के टीकों की उम्मीद है. सरकार की तरफ से बताया गया कि “अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच, 135 करोड़ खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद है. वैक्सीनेशन को लेकर इससे पहले सरकार ने कहा था कि दिसंबर 2021 तक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण पूरा हो जाएगा, लेकिन बाद में कहा गया कि वायरस के बढ़ते संक्रमण और उसके बदलते स्वरूप को देखते हुए टीकाकरण की कोई एक निर्धारित समय सीमा नहीं बताई जा सकती.
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