कोरोनाः अदार पूनावाला ने जयशंकर और बाइडन को शुक्रिया कहा, बोले- बढ़ेगा वैक्सीन उत्पादन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला. फाइल फोटो
Foreign Minister S Jaishankar: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के लिए ऐस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है. इस वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से उत्पादित किया जा रहा है.
नई दिल्ली. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को अमेरिकी सरकार और भारतीय विदेश मंत्री का शुक्रिया अदा किया. दरअसल अमेरिकी सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीन ऐस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और सनोफी पर लगाई पाबंदियों को हटा लिया है. पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिकी सरकार के इस फैसले से वैश्विक स्तर पर और भारत के लिए कच्चे माल की सप्लाई को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे वैक्सीन की उत्पादन क्षमता में भी इजाफा होगा और महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी.
पूनावाला के ट्वीट के जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की डिप्लोमेसी कोरोना वैक्सीन की सप्लाई को सुरक्षित बनाने की है. बता दें कि अमेरिकी प्रशासन से गुरुवार को वैश्विक समुदाय के साथ वैक्सीन साझा करने की अपनी योजना का खुलासा किया. साथ ही ऐस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और सनोफी वैक्सीन पर लगे डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट प्रियोरिटी रेटिंग को भी हटा लिया. अमेरिकी प्रशासन के इस फैसले से कंपनियां अब निर्णय ले सकेंगी कि उन्हें वैक्सीन किसे बेचनी हैं.
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, “वैक्सीन निर्माता कंपनियां तीनों टीकों का निर्माण जारी रख सकती हैं, इस नियम के मुताबिक अमेरिका स्थित निर्माता कंपनियां अब स्वयं फैसला ले सकेंगी कि उन्हें वैक्सीन का कौन सा ऑर्डर पहले पूरा करना है और कौन सा बाद में.”
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के लिए ऐस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है. इस वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से उत्पादित किया जा रहा है. कंपनी ने भारत में वैक्सीन का ट्रायल किया था और विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैक्सीन गठबंधन कोवॉक्स संगठन को भी कोविशील्ड सप्लाई की गई थी. सीरम इंस्टीट्यूट ने नोवावैक्स कंपनी के साथ भी करार रखा है, जिसकी वैक्सीन को कोवावैक्स के नाम से जाना जाएगा.इससे पहले अदार पूनावाला ने अमेरिका द्वारा वैक्सीन के कच्चे माल की सप्लाई पर लगाए गए प्रतिबंधों का मामला उठाया था. फरवरी में अमेरिका ने कच्चे माल की सप्लाई पर प्रतिबंध लगाए थे और अपने फैसले के बचाव में कहा था कि पहले उसे अमेरिकी लोगों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी है.