बॉम्बे HC की महाराष्ट्र सरकार को फटकार, कहा- केंद्र को बताइए ब्लैक फंगस की दवा की कमी
मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र को केंद्र को यह बताने की जरूरत है कि राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीज उपचार के लिये जरूरी दवा की कमी के कारण मर रहे हैं.
उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के न्यायमूर्ति आर वी घुगे और बी यू देबाडवर को बताया गया कि मराठवाड़ा क्षेत्र में मरीजों का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा क्योंकि एंफोटेरिसिन बी की आपूर्ति कम है. इस दवा का इस्तेमाल ब्लैक फंगस संक्रमण के उपचार में होता है. पीठ कोविड-19 महामारी से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. अदालत की सहायता के लिये नियुक्त अधिवक्ता सत्यजीत बोरा ने दलील दी कि मरीजों को रोजाना एक या दो इंजेक्शन दिये जा रहे हैं जबकि उन्हें रोजाना चार से पांच इंजेक्शन दिये जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप 124 लोगों की जान जा चुकी है. उन्होंने कहा कि आज भी दवा की जितनी जरूरत है उससे 70 प्रतिशत कम आपूर्ति है.
मराठवाड़ा क्षेत्र में ब्लैक फंगस के 1178 मामलेसरकारी वकील डी आर काले ने अदालत को बताया कि फिलहाल मराठवाड़ा क्षेत्र में ब्लैक फंगस के 1178 मामले हैं. इनमें से 669 मरीजों का उपचार चल रहा है जबकि 385 इससे स्वस्थ हो चुके हैं जबकि अब तक 124 मरीजों की जान जा चुकी है.
केंद्र की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र को कुल 2.70 लाख इंजेक्शनों में से 68360 इंजेक्शनों का आवंटन किया गया था.
दवा का उत्पादन बढ़ाने में लगेगा 20-25 दिन का वक्त
उन्होंने कहा कि इस दवा को बनाने वाली दवा कंपनियों को इनका उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. उत्पादन बढ़ाए जाने की कवायद में 20 से 25 दिन का वक्त लगेगा.
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सभी की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा, “स्थिति पर विचार करते हुए हम पाते हैं कि महाराष्ट्र सरकार को भारत सरकार को म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों की बढ़ती संख्या और खास तौर पर इस तथ्य को उजागर करते हुए स्थिति से अवगत कराना होगा कि मराठवाड़ा जैसे क्षेत्र में मरीज एंफोटेरिसिन बी दवा की कमी के कारण जान गंवा रहे हैं.”
ब्लैक फंगस के मरीजों की मृत्युदर है काफी ज्यादा
अदालत ने कहा कि मरीजों को क्योंकि दवा की अपर्याप्त खुराक दी जा रही है ऐसे में 669 उपचाराधीन मरीजों और 124 मरीजों की मौत को देखते हुए मृत्युदर काफी ज्यादा है. अदालत ने प्रदेश सरकार से कहा कि वह नौ जून तक उसके सामने एक चार्ट के माध्यम से स्पष्ट रूप से यह बताए कि ब्लैक फंगस के कितने मरीजों का उपचार चल रहा है, कितने मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और कितने मरीजों की जान गई है.
अदालत ने प्रदेश सरकार से दो जून से नौ जून के बीच एंफोटेरिसिन बी दवा की आपूर्ति को दर्शाने वाला चार्ट पेश करने को भी कहा है. इस मामले में अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 10 जून तय की है.